Hopeless
November 14th, 2006
ज़िंदगी आज नाउमà¥à¤®à¥€à¤¦ थोड़ी कम होती
गर तेरी आà¤à¤–ें उस दिन कà¥à¤› नम होतीं
ये सोच के कि तू à¤à¥€ कà¤à¥€ याद करती होगी
मैं तो जीने को तयà¥à¤¯à¤¾à¤° था
लेकिन उस दिन तेरी मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¹à¤Ÿ में
न संवेदना थी न पà¥à¤¯à¤¾à¤° था
कà¥à¤› कहते कहते ही रà¥à¤• गया मैं
वरना ज़िंदगी मेरी à¤à¥€ खà¥à¤¶ सनम होती
गर तेरी आà¤à¤–ें उस दिन कà¥à¤› नम होतीं
इस लिये खड़ा रहा कि
मà¥à¤¡à¤¼ के देखोगी à¤à¤• बार
लिये दिल में à¤à¤• अनसà¥à¤¨à¥€ आह
आà¤à¤–ों में धूल का गà¥à¤¬à¤¾à¤°
सूखे होठों पे सहमी सी चाह में
à¤à¤²à¤•ती मौत की ज़िंदगी कà¥à¤› कम होती
गर तेरी आà¤à¤–ें उस दिन कà¥à¤› नम होतीं
short and sweet!
-nitin
@ankit: Bohot khoobsurat likha aapne...bohot zyaada khoobsurat...
@नितिन : आपसे ही सीखा है 🙂
@आबेराह : इस नवाज़िश के लिये शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾
subhanallah, mere shayar, subhanallah
-nikux